अब तक भारतीय अर्थव्यवस्था रहती महामारी के पहले वाली स्थिति में : देबरॉय

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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : शुक्रवार को आईसीसीआर में प्रख्यात लेखिका प्रियम गांधी मोदी की पुस्तक ‘अ नेशन टू प्रोटेक्ट’ का विमोचन किया गया। इस विमोचन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के चेयरमैन प्रो. बिबेक देबरॉय के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश त्रिवेदी, जादवपुर विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी व शिक्षाविद प्रो. अभिजीत चक्रवर्ती और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउण्डेशन के डायरेक्टर व भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अनिर्वान गांगुली मौजूद थे। इस मौके पर प्रो. बिबेक देबरॉय ने कहा, ‘पिछली बार इस तरह की कोई महामारी 100 साल पहले आयी थी और इस बार अचानक हमें इस तरह की महामारी का सामना करना पड़ा।’ उन्होंने कहा, ‘महामारी के समय शासन में स्पष्टता की कमी उभरकर सामने आयी थी। कोविड चला गया और उसके बाद लिकर की ऑनलाइन डिलीवरी चालू हुई। हालांकि किस प्रक्रिया के तहत राज्य ने इसकी अनुमति दी? इसकी अनुमति एनडीएमए एक्ट के तहत दी गयी थी। सभी राज्यों को आपदा प्रबंधन की नीतियां बनानी थी, लेकिन कितने राज्यों ने ऐसा किया?’ बिबेक देबरॉय ने कहा कि कोविड जैसी महामारी पर ये पुस्तक है और कोविड के समय प्रवासी श्रमिकों की समस्या हमारे सामने थी जिनकी पोर्टेबिलिटी काफी मुश्किल हो गयी थी। कोविड पर काफी पुस्तकें लिखी गयी हैं, लेकिन इस किताब में बताया गया है कि चीन के लैब से ये वायरस लीक हुआ जिसे यूएस और ब्रिटेन के संस्थानों से फंड मिला था। मैं नहीं कहता कि चीन ने ऐसा किया, लेकिन चीन के लैब से वायरस लीक हुआ। चीन और डब्ल्यूएचओ ने दुनियो को भ्रमिता किया और हमने इसे रोका। कोविड की दूसरी लहर सबसे अधिक खतरनाक थी। वर्ष 2014 से इस सरकार ने ग्रामीण सेक्टर के लिए काफी कुछ किया जिस कारण भारत के ग्रामीण सेक्टर को नहीं भुगतना पड़ा। बिबेक देबरॉय ने कहा, ‘अगर रूस-यूक्रेन संकट नहीं होता तो भारतीय अर्थव्यवस्था अब तक महामारी से पहले वाली स्थिति पर लौट आती।

कई विकसित देशों की तुलना में भारत ने कोविड के समय बेहतर प्रदर्शन किया। इंफेक्शन, मोर्टेलिटी और आर्थिक सुधार के क्षेत्रों में भारत की स्थिति अन्य देशों से बेहतर रही। डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट कर रहा था कि भारत में बहुत अधिक मौतें हो रही हैं। लॉकडाउन के समय में मौतों का रजिस्ट्रेशन स्थगित हो गया था। कोविड काल भारत के लिए ऐसा समय था जब उसे अपने ऊपर छोड़ ​दिया गया था और भारत ने खुद पर निर्भर रहकर कर दिखाया, पूरी पुस्तक में यही बात बतायी गयी है।’

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा पाली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के निर्णय पर आज दिनांक 12 नवंबर 2024 दिन मंगलवार को सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी विहार में “पाली: भारत की शास्त्रीय भाषा एवं बुद्ध की धरोहर” विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह …

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President Putin’s address at the 31st Annual Valdai Discussion Club in Sochi was historic and reflective of the “spirit of the age,” Dr. Anirban Ganguly, a member of the BJP National Executive, told Sputnik India. The Western countries should listen to President Vladimir Putin’s advice and immediately abandon their “one-size-fits-all approach” to …

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কাঁথির কুমারপুর মহিলা পরিচালিত দুর্গাবাড়ী সমিতির হাতে “শ্যামাপ্রসাদ দুর্গোৎসব সম্মান” তুলে দিলেন ডঃ অনির্বাণ গাঙ্গুলি

ইতি মধ্যেই দুর্গাপুজো শুরু হয়ে গিয়েছে। বাংলার বিভিন্ন প্রান্তে প্রান্তে মানুষের মনে খুশির হাওয়া লেগেছে। এই আনন্দ মুহুর্তে কাঁথির কুমারপুর মহিলা পরিচালিত দুর্গাবাড়ী সমিতি পেল ‘শ্যামাপ্রসাদ দুর্গোৎসব সম্মান ২০২৪’. এই সন্মান বিগত ৫ বছর ধরে ডঃ শ্যামাপ্রসাদ মুখার্জি রিসার্চ ফাউন্ডেশনের তরফ থেকে আয়োজন করা হচ্ছে। এই সন্মান শহরের থেকে দূরে …